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कैलाश मानसरोवरतीर्थ यात्रियों का पहला जत्था नाथुला के लिए रवाना

कैलाश मानसरोवरतीर्थ यात्रियों का पहला जत्था नाथुला के लिए रवाना
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कैलाश मानसरोवरतीर्थ यात्रियों का पहला जत्था नाथुला के लिए रवाना


नई दिल्ली। कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रियों का पहला जत्था गुरुवार को सिक्किम की राजधानी गंगटोक से अपनी आगे की यात्रा शुरू करेगा। यात्रियों के पहले जत्थे को बुधवार को नई दिल्ली से झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।

पचास तीर्थयात्रियों का यह समूह नाथूला से लगभग 14 हजार की ऊंचाई पर बस से अपनी आगे की यात्रा जारी रखेगा और आगामी 20 जून को चीन सीमा तक पहुंच जाएगा। मानसरोवर की पूरी यात्रा 19 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य प्रशासन ने नाथूला के रास्ते पर मौसम के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं क्योंकि इस जत्थे में सबसे अधिक तीर्थयात्रियों वरिष्ठ नागरिक हैं। 15 माइल और शेरेथांग क्षेत्र में दो रातें गुजारने के बाद यात्रियों का यह समूह चार दिनों में नाथूला तक पहुंच जाएगा। इस साल एक साथ लगभग 350 तीर्थयात्री सात बैचों में मानसरोवर यात्रा करेगा। 20 जून को नाथूला सीमा पार करने के बाद आगे की यात्रा के लिए इन तीर्थयात्रियों की यात्रा सहित अन्य जिम्मेदारियां चीन के अधिकारियों की होगी।

कैलाश मानसरोवर यात्रा अपने धार्मिक मूल्य, सांस्कृतिक महत्व, शारीरिक सुंदरता और रोमांचक प्रकृति के लिए जाना जाता है। यह हर साल सैकड़ों लोगों के द्वारा किया जाता है। मानसरोवर पर भगवान शिव के निवास के रूप में यह हिंदुओं के लिए बड़ा महत्व रखता है, यह जैन और बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखता है। कैलाश मानसरोवर यात्रा एक ट्रेकिंग अभियान के रूप में भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन द्वारा मान्यता दी गई है।

Updated : 16 Jun 2016 12:00 AM GMT
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