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हायर सेकेण्डरी परीक्षा में ग्वालियर के पांच छात्र टॉप 10 में

हायर सेकेण्डरी परीक्षा में ग्वालियर के पांच छात्र टॉप 10 में
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जिले में तीन छात्र रहे अव्वल

ग्वालियर। म.प्र. माध्यमिक शिक्षा मंडल ने गुरुवार की शाम को हायर सेकेण्डरी (12वीं) बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। परिणाम में ग्वालियर और चम्बल अंचल के कई छात्रों ने प्रावीण्य सूची में स्थान हासिल किया है। सबसे ज्यादा स्थान गणित के छात्रों को मिला है। इस वर्ग के ग्वालियर के पांच छात्रों ने प्रावीण्य सूची में अपनी जगह बनाई है। वहीं जिले में ग्वालियर के आयुष जैन ने फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ में व डबरा के दो छात्रों ने जिले में अपनी जगह बनाई है।

ग्वालियर के शा. उ.मा. उत्कृष्ट विद्यालय की छात्रा रोहिनी लिटोरिया ने विज्ञान गणित समूह में 500 में से 482 अंक प्राप्त कर टॉप 10 में पांचवा स्थान प्राप्त किया है। सिद्धार्थ मॉर्डन स्कूल के हिमांशु अग्रवाल ने विज्ञान गणित समूह में 500 में से 481 अंक प्राप्त कर टॉप 10 में छठवां स्थान प्राप्त किया है। सिम्पकिन पब्लिक स्कूल के दीपक प्रसाद ने विज्ञान गणित समूह में 500 में से 478 अंक प्राप्त कर नौवां स्थान प्राप्त किया है। पदमा कन्या विद्यालय की रुचि पांडे ने विज्ञान गणित समूह में 500 में से 478 अंक प्राप्त कर नौवां स्थान एवं हेमा कॉन्वेंट स्कूल के आंचल नीखरा ने विज्ञान गणित समूह में 500 में से 477 अंक प्राप्त कर दसवां स्थान प्राप्त किया है। वहीं डबरा के मॉडल हाईस्कूल के छात्र अभिषेक पाठक ने 500 में से 473 अंक प्राप्त कर जिले में पहला द्वितीय व शा. हायर सेकेण्डरी स्कूल डबरा के शिवम पचौरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया है।


आईएएस बनना चाहते हैं आयुष

अधिकांश अभिभावक यह भ्रम पाले हुए हैं कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई नहीं होती है, इसलिए वे अपने बच्चों को नामी निजी विद्यालयों में पढ़ाते हैं, लेकिन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोरखी के छात्र आयुष जैन ने हायर सेकेण्डरी की बोर्ड परीक्षा में ग्वालियर जिले की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त कर इस भ्रांति को निर्मूल साबित कर दिया है। माली वाली गली खासगी बाजार निवासी रजनेश-श्रीमती नीना जैन के सुपुत्र आयुष ने कुल 500 में से 473 (94.6 प्रतिशत) अंक प्राप्त किए हैं। आयुष भविष्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (आईएएस) बनकर पीडि़त मानवता की सेवा करना चाहते हैं।

आयुष बताते हैं कि वे प्रतिदिन 9 से 10 घण्टे तक पढ़ाई करते हैं। उन्होंने स्कूल और कोचिंग सेन्टर पर नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थिति दर्ज कराई। यह प्रेरणा उन्हें अपनी दीदी याचिका जैन से मिली, जो एमआईटीएस से इंजीनियरिंग कर रही हैं। इसी का नतीजा है कि वे जिले में पहला स्थान बना पाए। हालांकि आयुष को प्रदेश की प्रावीण्य सूची में स्थान पाने का भरोसा था, लेकिन वे मात्र चार अंकों से पिछड़ गए, जिसका उन्हें मलाल है। आयुष अपनी इस उपलब्धि का पूरा श्रेय अपने माता-पिता, दीदी, विद्यालय और कोचिंग सेन्टर के शिक्षकों को देते हैं। मेधावी छात्र आयुष के पिता रजनेश जैन श्याम उ.मा. विद्यालय बरही में जीव विज्ञान के शिक्षक हैं।

Updated : 13 May 2016 12:00 AM GMT
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