लगभग हर घर में पहुंच रहा है नकली दूध
लगभग हर घर में पहुंच रहा है नकली दूध
ग्वालियर। गर्मी का मौसम जारी है। दूध के दाम भी बढ़ चुके हैं। बाजार में दूध 40 से 60 रुपए किलो के भाव से बिक रहा है। वहीं कुछ लोग अधिक मुनाफा कमाने के लालच में दूध में पानी तो मिला ही रहे हैं, वहीं नकली दूध बेचने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। इसका सीधा-सीधा असर लोगों के लीवर पर पड़ रहा है। नकली दूध की वजह से आए दिन लोग पेट की बीमारी से परेशान नजर आ रहे हैं।
दूध में मिला पानी शरीर के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन मिलावट खोरों द्वारा यूरिया, सर्फ और स्टार्च जैसी वस्तुओं से दूध बनाकर बेचा जा रहा है। इन मिलावट खोरों द्वारा इस दूध का दही और पनीर बनाकर भी बाजार में बेचा जा रहा है। वहीं प्रशासन भी इन दूधियों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। पैसे कमाने की आपा-धापी में बच्चों से लेकर वृद्ध तक के जीवन का मोल बहुत सस्ता हो गया है। अब मन में यही सवाल उठता है कि आज बाजार में ऐसा क्या बिकता है, जो शुद्ध हो, जिसमें मिलावट नहीं हो, जिसकी शुद्धता पर कोई सवाल नहीं उठता हो। गौर करें तो शायद ही ऐसी कोई चीज हो, जिसमें हम कह सकें कि इसमें मिलावट नहीं है। मिलावट खोरों ने मसालों, दालों, शक्कर, दूध, दही, घी, पनीर और यहां तक कि मिनरल वाटर पानी में भी मिलावट का कार्य शुरू कर दिया है।
ऐसे पहचानें दूध में मिलावट को
दूध में मिले यूरिया का पता लगाने के लिए टेस्ट ट्यूब में 5 मिली दूध लें और उसमें ब्रोमोथाइमोल ब्लू का घोल डालें। दस मिनट बाद अगर उसमें नीला रंग दिखाई देता है, तो इसका मतलब दूध में यूरिया मिला हुआ है। इसके अलावा आप दूध में आयोडीन सल्यूशन की कुछ बूंदे डालें। अगर दूध का रंग नीला हो जाता है, तो समझ जाइए उसमें मिलावट की गई है। जानकारों के अनुसार दूध के सोंदे पन से भी इसके असली और नकली होने की पहचान की जा सकती है। इसी के साथ आइसक्रीम में मिलावट का पता लगाने के लिए इसमें थोड़ा सा नीबू का रस मिलाएं।
वाशिंग पाउडर होने पर आइसक्रीम में झाग बनने लगेगा। इसी के साथ अगर इसमें सेक्रिन की मिलावट की गई है तो आइसक्रीम का स्वाद शुरू में बहुत मीठा लगेगा, लेकिन बाद में एकदम कड़वा हो जाएगा।
शहर में प्रतिदिन आता है पांच लाख टन दूध
दूध डेयरी व्यवसाय संघ के सचिव नरेन्द्र मांडिल्य ने बताया कि शहर में प्रतिदिन आसपास के गांव से लगभग पांच लाख लीटर दूध आता है। दूध की पहचान करने के लिए इस दूध से पनीर, घी और खोवा बनाते हैं। कई बार तो छत्री मण्डी स्थित लैब में भी दूध की जाचं करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि शहर में नकली दूध की सबसे अधिक आवक मुरैना से होती है।