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होलिका दहन आज, कल उड़ेगा अबीर गुलाल

होलिका दहन आज, कल उड़ेगा अबीर गुलाल
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*महासंयोग में होगा होलिका दहन, शहर के विभिन्न स्थानों पर जलेगी होली

ग्वालियर | फाल्गुन मास की पूर्णिमा से मनाए जाने वाले छह दिवसीय होलिकोत्सव की शुरूआत बुधवार से होगी। पहले दिन शुभ मुहूर्त में गली-मोहल्लों के नुक्कड़ों पर होलिका दहन किया जाएगा। इसके दूसरे दिन एक दूसरे को रंग और अबीर-गुलाल से सराबोर कर धुलेंडी का पर्व उत्साहपूर्वक मनेगा। वहीं ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के बाद 6.46 बजे से 9.10 बजे तक सर्वŸोष्ठ बताया गया है।

वहीं शहर के अधिकांश चौराहे व गली-कूचों में होलिका दहन के लिए लकड़ी व कंडों से ऊंची-ऊंची होली सज गई हैं और कल भी सजाई जाएंगी। सबसे ऊंची होली सराफा बाजार में जलाई जाएगी। अगले दिन गुरूवार को शहर में प्रेम और स्नेह के रंग बरसेंगे। जातिवर्ग का भेद भूलकर लोग एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर खुशी बांटेंगे। वहीं, सड़कों पर मस्तानों की टोलियां ढोल-नगाड़ों की धुनों पर हुल्लड़ मचाते हुए दिखाई देंगी।

बृज योग में होगा होलिका दहन
इस बार होलिका दहन 23 मार्च बुधवार को होगा व धुरेंडी 24 मार्च गुरूवार को खेली जाएगी। ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी ने बताया कि इस बार होली पर 237 साल बाद महासंयोग बन रहा है। जिसमें बृज योग में होली जलेगी। साथ ही ध्वज योग, मंगल शनि की युति वृश्चिक राशि में, सूर्य केतु की युति कुंभ राशि में, सूर्य बुध आदित्य योग मीन राशि में, गुरू चांडाल योग सिंह राशि के साथ सर्वाथ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग भी रहेगा। उन्होंने बताया कि होलिका दहन सूर्य अस्त के दो घंटे 24 मिनट के अंदर होना चाहिए। बुधवार को सूर्य 6.46 पर अस्त होगा। जिसके बाद 6.46 से 9.10 तक श्रेष्ठ मुहूर्त है।

Updated : 23 March 2016 12:00 AM GMT
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