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भाई-बहन के रिश्ते को कलंकित करने वाला पकड़ा

ग्वालियर। प्रदेश में मरीजों को नि:शुल्क डायलिसिस सेवा उपलब्ध कराने के लिए डायलिसिस मशीन का शुभारंभ तो कर दिया, लेकिन आज तक मशीन व्यवस्थित रूप से चालू नहीं हो सकी। हालांकि इस व्यवस्था पर लेकिन तक डायलेसिस की सुविधा मरीजों से लिए व्यवस्थित रूप से नहीं दी।

मुरार स्थित जिला अस्पताल में डायलिसिस मशीन से अभी तक सिर्फ पांच ही मरीजों की डायलिसिस की गई, उसके बाद डायलिसिस मशीन का टेक्नीशियन भाग जाने के कारण डायलिसिस सेवा ठप हो गई।टेक्नीशियन चले जाने के कारण शुक्रवार को संयुक्त संचालक डॉ. अर्चना शिंगवेकर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप कम्ठान ने कम्पनी से टेक्नीशियन उपलब्ध कराने की बात कही तो कम्पनी द्वारा सिर्फ आश्वासन दे दिया गया।

जयारोग्य ने टेक्नीशियन भेजने से किया मना
मुरार स्थित डायलिसिस विभाग से 8 मार्च को जब टेक्नीशियन चला गया तो स्वास्थ्य अधिकारियों ने जयारोग्य चिकित्सालय से टेक्नीशियन भेजने के लिए कहा, लेकिन जयारोग्य प्रबंधन ने कहा कि जयारोग्य अस्पताल में पहले से ही डायलिसिस का बहुत लोड है, जिसके वह टेक्नीशियन को नहीं भेज सकते।

चिकित्सकों के हाथ पांव फूल रहे हैं
दिल के मरीजों की डायलिसिस करने में चिकित्सकों के हाथ- पांव फूल रहे हैं। मरीजों की डायलिसिस करने के लिए जिन चिकित्सकों को पदस्थ किया गया है, वह चिकित्सक दिल के मरीजों की डायलिसिस करने से साफ मना कर मरीजों को वापस लौटा रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही के चलते चिकित्सकों को सिर्फ आठ दिन की ही ट्रेनिंग दिलाई गई, जिसके चलते चिकित्सक इतने अनुभवी नहीं हैं कि वह दिल के गम्भीर मरीजों की डायलिसिस कर सकें।

Updated : 12 March 2016 12:00 AM GMT
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